गौमाता को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मांग हेतु भारत यात्रा के दूसरे चरण में जिले स्तर पर हो रही गौ ध्वज स्थापना शंकराचार्य जी के द्वारा रवाना किए हुए गौ प्रतिनिधि कर रहे महाराष्ट्र के जिलों में गौ ध्वज स्थापना ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘१००८’ के निर्देश पर महाराष्ट्र के सभी जिलों में स्थापित किया गया गौ प्रतिष्ठा ध्वज ।
जगद्गुरु शंकराचार्य जी के निर्देशन में महाराष्ट्र के सभी जिलों में गौ ध्वज स्थापित किया गया। इसी क्रम में नागपुर शहर में गो संसद विदर्भ प्रांत अध्यक्ष महंत आचार्य डॉ शिवगिरी महाराज जी की अध्यक्षता में भी गौ ध्वज स्थापना किया गया। गौ ध्वज स्थापना के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती जी महाराज के निर्देश पर आए प्रभारी छतीसगढ़ ख़ैरागढ़ राजपरिवार से माननीय पद्मादेवी सिंह जी एवं शिमला लोकसभा क्षेत्र हिमाचल प्रदेश के गो सांसद श्री अक्षय भारद्वाज जी ने कहा कि पूज्य शंकराचार्य जी महाराज गोमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने के लिए पिछले २२ सितम्बर २०२४ को अयोध्या धाम में पहुंचकर रामकोट की परिक्रमा कर इस यात्रा की शुरुआत की थी, ये ऐतिहासिक यात्रा पूर्वोत्तर के प्रायः सभी राज्यों में जाकर चारों दिशाओं में होते हुए हिन्दुस्तान के सभी 36 प्रदेशों की राजधानी में गोप्रतिष्ठा ध्वज की स्थापना कर चुकी है।
इस ऐतिहासिक यात्रा को विगत दिनो तब एक बडी सफलता मिली जब पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के निर्देश पर महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमन्त्री श्री एकनाथ सम्भाजी शिन्दे जी ने देशी (रामा) गाय को राज्यमाता घोषित करके कैबिनेट की प्रस्ताव की कापी शंकराचार्य जी के चरणों में सौंपी थी। इतना ही नहीं और उसके बाद मुख्यमन्त्री ने गौमाता को राज्य माता भी घोषित करके जगद्गुरु शंकराचार्य जी को उस कार्यक्रम में आमन्त्रित कर पादुका पूजन कर राज्य माता का दर्जा दिया।
पूज्य शंकराचार्य जी महाराज उस ऐतिहासिक यात्रा के माध्यम से भारत भूमि की ऊपर से सम्पूर्णतया गौहत्या का कलंक मिटाकर गोमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने के लिए है। महंत आचार्य डॉ शिवगिरी महाराज जी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि गाय को केवल दूध उत्पादन की मशीन समझने वाले और गाय को मांस समझने वाले दोनों ही गाय के महत्व से अनभिज्ञ है। गाय का हमारी संस्कृति में इतना अधिक महत्व है कि पहली रोटी हम अपने ३३ कोटि देवस्वरूपा गोमाता को समर्पित करते हैं। कार्यक्रम की शुरुवात गो ध्वज स्थापना से की गई तत्पश्चात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छतीसगढ ख़ैरागढ़ राजपरिवार से पधारी महारानी पद्द्मा जी सिंह एवं शिमला लोकसभा क्षेत्र के गो सांसद माननीय श्री अक्षय भारद्वाज का स्वागत सौ. तरुणा रहांगडले एवं नितिन बेलखेड़े द्वारा किया गया। कार्यक्रम में सैकड़ों गौभक्त उपस्थित थे।